ट्रेक गुप्त भीमाशंकर तक का ..... Trek to Gupt Bhimashankar

ये नियम तो लगभग मैंने पक्का ही बना लिया है कि एक जनवरी का दिन भगवान् शिव कि किसी स्थल में ही बिताना है, सो एक जनवरी 2013 को भी हम तीन दोस्त मै, ध्रुव और उत्कर्ष ने भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का दर्शन का प्लान बनाया, भीमाशंकर जी के दर्शन करने के उपरान्त, कुछ लोगो से हमने सुना कि, सह्याद्री श्रृंखला में मंदिर से कुछ दूर भीमा नदी का उद्गम स्थल भी है, और वही पर घनघोर जंगल में गुप्त भीमाशंकर जी भी विराजमान हैं,
बस फिर क्या था ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो हम कर ही चुके थे, जंगल कि तरफ हमारे कदम बढ़ चले, दूरी का कुछ भी पता न था, बस मंदिर के पास लोगो से सुना था कि कोई तीन या चार किलोमीटर होना चाहिए, मंदिर के पास से रास्ता जा रहा था, हमने भी उसी और कदम बढ़ा दिए, खाने के नाम पर कुछ नमकीन के पैकेट और दो पानी कि बोतले जरुर रख ली थी...

                                श्वान महोदय हमारे पीछे 

लगभग 400 या 500 मीटर चलने के बाद घना जंगल शुरू हो चुका था, वैसे भी भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग घने सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं के बीच ही बसा है, कुछ दूरी में ही एक श्वान महाशय हमारे साथ साथ चलने लगे, काफी दुत्कारने के बाद भी उस श्वान ने हमारा पीछा नहीं छोड़ा, मुझे एक पल को लगा शायद हमे मार्ग दिखा रहा है, क्योकि अन्दर कही भी कोई सूचना पटल नहीं है , आप सिर्फ अनुमान के अनुसार आगे बढ़ते हैं, लगभग एक किलोमीटर जाने के बाद रास्ता काफी पथरीला हो चुका था, और उस पर चल पाना बिना जूतों के संभव नहीं था. ये तो अच्छा था के चप्पलो के साथ नहीं आये,.अब हम लोगो ने कदमो कि गति कुछ बढ़ा दी थी, क्योकि हम जल्दी लौट कर पुणे के लिए वापसी कि बस पकड़ना चाहते थे, क्योकि भीमाशंकर में रहने और ठहरने कि स्थिति अच्छी नहीं है.


                    मैं (सफ़ेद टी शर्ट में ) और ध्रुव पथरीले रास्तो में 

थोड़ी और दूर जाने के बाद में पथरीला रास्ते के दोनों तरफ काफी ऊंचे ऊंचे पेड़ नज़र आने लगे थे, और हम लोग सिर्फ अन्दाज़िया ही बढ़ते जा रहे थे, थोडा और आगे बढ़ने पर एक बन्दर महाशय हमारे पीछे पड़ गए, उनको लगा कि हमारे पास कुछ खाने को है, परन्तु हमारे पास मंदिर के प्रसाद और नमकीन के अलावा कुछ और नहीं था... मुझ ऐसा लग रहा था कि हम लोग कोई 4 किलोमीटर आ चुके थे, और आगे रास्ता दो भागो में बट चुका था, एक दाहिने और ओर एक बाए ओर , हमने भी अक्कड बककड किया और दाहिने रास्ते पर चल पड़े क्युकी वो ज्यादा सपाट नज़र आ रहा था , तो अनुमान के मुताबिक़ यही होना चाहिए, अनुमान थोड़ी ही देर में सही साबित हुआ भीमा नदी का उद्गम स्थल मिल चुका था, जनवरी के महीने में ज्यादा पानी तो नहीं था हां पानी एक पतली धार जरुर दिख रही थी,   वही उस धार के नजदीक ही गुप्त भीमाशंकर जी के दर्शन हुए, मैंने तो वही पानी के धार से उनको अभिषेक कराया और साथ लाये कुछ बेलपत्र भी अर्पण किये, उद्गमस्थल काफी मनोहारी है



                                भीमा नदी का उद्गम 





                             गुप्त भीमाशंकर जी 


                              गुप्त भीमाशंकर जी 


काफी बड़े बड़े पेड़ है, पेड़ो कि मोटाई से अनुमान लगाया जा सकता है कि उनकी उम्र काफी होगी. वही पर छात्रों का अन्य समूह भी हमे मिला जो कि वापसी में हमारे साथ ही लौटने का इच्छुक दिख रहा था, फिर क्या था हम लोगो ने भी थोड़ी फोटोग्राफी कि और उनसे भी अपनी कुछ तस्वीरे निकलवाई और फिर उसी ट्रेक से वापिस लौट पड़े.


                                हम तीनो मित्र 


                                    मैं पोज देते हुए 


Comments

  1. Very gud yaar. I hope one day i can also join this type of trip.:)

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  2. Me bhi 2015 me ek bar apne mitron ke sath Gupt Bhimashankar ke darshan kar chuka hun, lekin ab me map me vo jagah khoj raha hun, to mil nahi rahi hai...
    Kya aap mujhe gupt Bhimashankar ki map link de sakte hai...

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    1. Sorry for late reply. Map link search kar ke dunga. Ab shayad kisi ne add kar di ho

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    2. https://maps.app.goo.gl/AN3EouPnetkvbhFb6

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